सूर्य तिलक से इतिहास बनी अयोध्या में रामलला की रामनवमी लाखों रामभक्तों ने अयोध्या को बनाया सबसे बड़ी तीर्थ नगरी
बरेली। सूर्य तिलक से अयोध्या में सूर्यवंशी रामलला की रामनवमी इतिहास बन गई। 500 वर्ष बाद टेंट से भव्य महल में पीत रंग के आभूषण जड़ित कलाकारी वाले वस्त्रों में राम लला ने रामनवमी पर अपने भक्तो को अलौकिक दर्शन दिए। उपस्थित लोगो ने गाया भए प्रकट दीनदयाला, कोशल्या हितकारी। राम भक्तो ने उनकी छवि निहार कर अपने को धन्य पाया। श्रद्धा से दान पात्र को भर दिया। तुलसी की पंजीरी का वितरण हुआ। आस्था एवम विज्ञान के संतुलन से ठीक 12 बजे सूर्य किरणे रामलला के मस्तिष्क पर पड़ी। तीन मिनट तक अलौकिक दृश्य को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश विदेश के लोगो ने टेलीविजन या मोबाइल स्क्रीन पर देखा। भक्तो ने वैज्ञानिकों की टीम का आभार जताया। जैसा कि पूर्व में ही रामभक्तों को अनुमान था की अयोध्या विश्व की सबसे बड़ी धार्मिक तीर्थ नगरी होगी वह आकलन रामनवमी आते आते सही निकला है ।श्री रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय ने भी मीडिया के समक्ष कहा कि 22 जनवरी 2024 को भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से अब तक पोने तीन माह में ही लगभग एक करोड़ 80 लाख से अधिक राम भक्तो ने रामलला के दरबार में माथा टेक कर उन्हे प्रणाम किया। इस बार की चैत्र नवरात्रि में राम नवमी 17 अप्रैल को मंदिर को फूलो से सजाया गया था। भगवान के प्रकटोत्सव के समय दूरदर्शन एवम अन्य माध्यमों से सूर्य तिलक का सीधा प्रसारण भी कराया गया । स्मरण रहे भगवान रामलला 22 जनवरी 2024 को 500 वर्ष बाद भव्य राम मंदिर में विराजमान हुए थे। उनकी यह भव्य मंदिर में प्रथम रामनवमी थी । आजकल भी लाखों की संख्या में श्रद्धालु अयोध्या राम नगरी पहुंच रहे हैं। इस बार राम लला ने अपने भव्य मंदिर में होली भी मनाई थी। बीते पोने तीन महीने की बात करें तो लगभग एक करोड़ अस्सी लाख से अधिक लोग रामलला का आशीर्वाद ले चुके हैं।
स्मरण रहे वेटिकन सिटी पर साल भर में करीब 80 से 90 लाख ईसाई लोग आते हैं, जबकि एक रिपोर्ट में कहा गया मुसलमानों के पवित्र स्थान मक्का में पिछले साल एक करोड़ 35 लाख हज यात्री पहुंचे थे। अयोध्या के राम मंदिर में तो प्रतिदिन लाखों की संख्या में श्रद्धालू पहुंच रहे हैं। बीते पोने तीन महीने के अंदर ही लगभग एक करोड़ अस्सी लाख से अधिक लोगों ने भगवान रामलला का दर्शन लाभ पाया जो अभी भी दुनिया वालो की आंखे खोल रहा है। अयोध्या में हवाई सेवा शुरू होने के बाद आज अयोध्या तीर्थ पर्यटन नगरी में सबसे ऊपर आ गया है। अयोध्या में पर्यटन का लगातार विकास हो रहा है। फरवरी के शुरुआती दिनों में राम भक्तों की संख्या चार लाख से ढाई लाख तक थी। वर्तमान में एक से डेढ़ लाख श्रद्धालु प्रतिदिन रामलला का दर्शन कर रहे हैं। अयोध्या में श्रद्धालु के कारण अधिकांश होटल के कमरे भरे हुए हैं। अब कई पंचतारा होटल भी अयोध्या में अपना होटल बनाने की तैयारी में लगे हैं। अयोध्या में विदेशी नागरिक अप्रवासी भारतीयों का भी तीर्थ पर्यटन शुरू हो गया है। श्री राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र न्यास के कैंप कार्यालय के प्रकाश गुप्ता से फोन पर हुई वार्ता के अनुसार पिछले पोने तीन माह में लगभग एक करोड़ अस्सी लाख से अधिक राम भक्तों ने रामलला का दर्शन लाभ पाया। प्रकाश गुप्ता जी के अनुसार प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रथम माह में ही राम मंदिर में कई करोड़ रुपए से ज्यादा नकदी, जेबर आदि का दान/चढ़ावा मिला। उन्होंने सोशल मीडिया पर पर सौ करोड़ दान मिलने की चल रही बात को गलत बताया। यह सही ही है की देश के अन्य मंदिरों के चढ़ावे से काफी अधिक राशि राम मंदिर को मिल रही है। भारत जब विश्व गुरु था उसकी राजधानी अयोध्या ही थी। एक अनुमान के अनुसार रामनवमी पर राम भक्तों की संख्या 5 लाख फिर से हो गई। जिसके चलते वीआईपी पास दर्शन भी पूर्व में ही बंद कर दिया गया। उसके लिए न्यास अब नई व्यवस्था कर रहा है। श्री रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय ने कहा कि अयोध्या में आजकल गर्मी बहुत ज्यादा है। ऐसे में अयोध्या में ज्यादा श्रद्धालु आ गए तो उनको समस्या होगी। भीड़ पर अंकुश के लिए तिरुपति ट्रस्ट की भी रिपोर्ट पर काम हुआ। दर्शन की अवधि भी बढ़ाई गई है। परिसर के बाहर अयोध्या में रामभक्तों के लिए कई स्थानों पर स्क्रीन वॉल भी लगाई जाएगी। रामनवमी पर अयोध्या में 9 दिन चलने वाले मेले में कई लाख श्रद्धालुओं आए। श्री रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय के अनुसार मंदिर का दूसरा तल इस वर्ष 2024 के अंत तक तथा पूर्ण मंदिर कार्य 2025 में ही हो पायेगा। दूसरे तल मे राम दरबार होगा। मंदिर की अनुमानित लागत 18 सौ करोड़ रुपए होने का अनुमान है।
निर्भय सक्सेना