हिंदुत्व और उसके विभिन्न आयाम” विषय पर व्याख्यान हुआ

शाहजहांपुर। स्वामी शुकदेवानंद महाविद्यालय के इतिहास विभाग द्वारा “हिंदुत्व और उसके विभिन्न आयाम” विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ ज्ञान की देवी सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्पांजलि करके की गई। तत्पश्चात संगीत विभाग के द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई। संस्कृत विभाग की छात्राओं के द्वारा कार्यक्रम में मंचासीन समस्त अतिथियों का पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया गया।

कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. राकेश कुमार आजाद द्वारा अतिथियों के स्वागत भाषण के माध्यम से किया गया। तत्पश्चात इतिहास विभाग के अध्यक्ष डॉ विकास खुराना ने “हिंदू और उसके विभिन्न आयाम “नामक विषय की विषय स्थापना की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती जी महाराज ने अपने उद्बोधन में कहा कि”धर्म मानव-जीवन की वह आचार-संहिता है, जो हमें कर्तव्य-पालन की शिक्षा देता है या व्यष्टि जीवन को समष्टि में विलीन करने का आदेश देता है। धर्म वैसा ही है, जैसा आकाश। धर्म जिंदगी जीने का वह तरीका है जिसे सभी जन सभी समाज, सभी मतावलंबी सर्वोत्कृष्ट स्वीकार करते हैं। धर्म को सभी मत-मतांतर सुख की प्राप्ति का बुनियादी कारण मानते हैं। धर्म के लिए सभी संप्रदाय वाले उपदेश देते हैं कि विश्व की सर्वोत्कृष्ट वस्तु को छोड़कर धर्म का आचरण करिए। सभी ज्ञानी, महात्मा, और संत, चाहे वे किन्हीं धर्म-ग्रंथों को स्वीकार करने वाले हों, यही शिक्षा देते हैं कि धर्म से सुंदर कुछ भी इस संसार में नहीं है। कुछ लोगों का मत है कि धर्म धारण कर लेने से मनुष्य देवता बन जाता है।”

इस अवसर पर महाविद्यालय के वरिष्ठ आचार्य प्रो0 आलोक मिश्रा, प्रो0 मीना शर्मा, डॉ हरीश चंद्र श्रीवास्तव, प्रो0 मधुकर श्याम शुक्ला,प्रो0 आदित्य सिंह, डॉ शालीन कुमार सिंह,डॉ प्रमोद यादव,डॉ रमेश चंद्रा, डॉ बरखा सक्सेना ,सुजीत कुमार वर्मा, दुर्ग विजय, राम शंकर पांडे ,बलवीर शर्मा , डॉ पद्मजा मिश्रा, प्रतिभा शर्मा, धर्मवीर सिंह ,डॉ संदीप कुमार वर्मा ,श्री अखिलेश कुमार आदि आचार्य गण उपस्थित रहे।
इतिहास विषय से गोल्ड मेडल प्राप्त दिव्यांशी मिश्रा को स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती महाराज जी ने सम्मानित किया।
कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन इतिहास विभाग के वरिष्ठ आचार्य डॉ दीपक सिंह ने किया।
