न्यूरिया । बंगाली कॉलोनी में चल रही श्रीमद् भागवत कथा का आज एक सप्ताह वाद विशाल भंडारे के साथ समापन हो गया भागवत 16 जनवरी से शुरू हुआ शिव मंदिर मुक्तिधाम के निकट भागवत कथा का आयोजन कथा वाचक अतुल कृष्णा शास्त्री ने भारतीय संस्कृति को पूजनीय बताया व्याख्यान में श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए व्याख्यान किया इस अवसर पर उन्होंने बताया कि श्री कृष्ण जन्म से ही ईश्वर की भक्ति करते थे और ब्रह्मा विष्णु महेश को अपना पूजनीय मानते थे कथा के व्याख्यान में दूरदराज से आये रुद्रपुर पीलीभीत गदरपुर शक्ति फार्म टनकपुर बनवास खटीमा गभिया कालोनी और खरगापुर रामपुरिया महॉफ कॉलोनी से आए श्रद्धालुओं ने श्री अतुल शास्त्री कथावाचक के व्याख्यानो को सुना और उन्होंने कान्हा बरसाने में आ जइयो बुला रही राधा प्यारी भजन से समस्त श्रद्धालुओं को रसपान कराया शास्त्री जी ने कहा कि मनुष्य को अपने हृदय में सभी लोग को जगह नहीं देनी चाहिए साथ ही ईश्वर की भक्ति करने से क्षण मात्र में ही मनुष्य के दुख और संकट दूर हो जाते हैं भागवत कथा में राम और श्रवण कुमार का वर्णन करते हुए उन्होंने बताया कि हर मनुष्य को अपने माता पिता की सेवा करनी चाहिए और उनके बताए गए मार्ग पर चल कर सत्कर्म करने चाहिए भागवत कथा के छठे दिन श्री अतुल शास्त्री ने सुदामा जी और उन्होंने श्री कृष्ण की भक्ति में लीन होने का संदर्भ दिया साथ ही श्री कृष्ण के आचरण पर प्रकाश डालते हुए सुदामा जी की गरीबी का हाल सुनाया और जब सुदामा जी श्री कृष्ण से उनके दरबार मैं मिलने जाते हैं तब उनके दरबार पर खड़ा पहरेदार उन्हें अंदर जाने से रोकता है इस बीच पहरेदार से सुदामा जी कहते हैं कि अपने राजा से कहो कि उनका सखा सुदामा आया है सुदामा की आवाज सुनते ही श्री कृष्ण मन ही मन मगन हो जाते हैं और सुदामा जी को अंदर बुला कर उनके चरणों को पवित्र जल से धोय उसके बाद अपने भागवत समाप्त होने के दूर दराज़ से आये श्रृद्धालुओ ने भंडारे का प्रसाद गृहण किया और लुफ्त उठाया भागवत प्रचार मंडल कमेटी के सदस्यों का श्रृद्धालुओ ने आभार व्यक्त किया रिजवान खान