महापुरुषों के चरित्र से शान्ति और मानवता की सीख मिलती है : नीरज मौर्या

बरेली । समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर आज पूरे प्रदेश के मुख्यालयों पर ऋषि – मुनियों में श्रेष्ठ महर्षि कश्यप, श्रृंगवेरपुर के राजा निषाद राज़ गुह्य तथा चक्रवर्ती सम्राट अशोक महान की जयंती पर कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस कड़ी में शनिवार को बरेली पार्टी कार्यालय पर शहर और कैंट विधानसभा क्षेत्रों की आज मासिक बैठक में तीनो महापुरुषों की जयंती पर विचार गोष्ठी का आयोजन जिलाध्यक्ष शिवचरन कश्यप की अध्यक्षता में आहूत हुआ।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि आँवला सांसद नीरज मौर्या मौजूद रहे वहीं कार्यक्रम का संचालन महानगर महासचिव पंडित दीपक शर्मा ने किया। इस दौरान महर्षि कश्यप, श्रृंगवेरपुर के राजा निषाद राज़ गुह्य तथा चक्रवर्ती सम्राट अशोक महान के चित्रों पर पार्टी नेताओं द्वारा पुष्पांजलि अर्पित करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। इस अवसर पर महापुरुषों को नमन करते हुए मुख्य अतिथि आँवला सांसद नीरज मौर्या ने कहा कि हमारे महापुरुषों के जीवन चरित्र से हमें शान्ति और मानवता की सीख मिलती है। आपके बताये और दिखाए रास्ते पर चलकर ही समाज और देश तरक्की कर सकता है।
उन्होंने कहा आज राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर हमें अपने महापुरुषों के विषय में जानने का मौका मिलता है इन महापुरुषों ने समाज की बेहतरी के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म में महर्षि कश्यप ने जहाँ इस सृष्टि को अपनी संतानों के जरिये आगे बढ़ाया, वहीं निषाद राज़ गुह्य और भगवान राम की मित्रता जगजाहिर है। बात अगर चक्रवर्ती सम्राट अशोक महान की जाए तो उन्हें इतिहास में एक ऐसे शासक के रूप में याद किया जाता है, जिसने अपार शक्ति और सत्ता हासिल करने के बाद भी शान्ति और मानवता को चुना। आज अखंड भारत के नाम पर भाजपा देश में बड़ी – बड़ी बाते करती हैं जबकि अखंड भारत अगर किसी ने स्थापित किया तो वे सम्राट अशोक ही थे।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए जिलाध्यक्ष शिवचरन कश्यप ने कहा कि हिंदू धर्म में महर्षि कश्यप जी को इस सृष्टि का रचियता भी कहा गया है देवता और दैत्य, नाग और गरुण भी आपकी ही संतान बताये जाते हैं इस कारण उन्हें सभी प्रजाओं का जनक भी कहा जाता है। वहीं निषाद राज़ गुह्य रामायण महाकाव्य के एक प्रमुख पात्र हैं, वह निषाद समुदाय के राजा थे भगवान राम के वनवास के समय उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी वही चक्रवर्ती सम्राट अशोक जिन्हें अशोक महान के नाम से भी जाना जाता है प्राचीन भारत के सबसे प्रसिद्ध और प्रभावशाली शासको में से एक थे कलिंग युद्ध में हुए भीषण रक्त पात से अशोक महान का हृदय बहुत द्रवित हुआ और उन्होंने हिंसा का मार्ग त्यागकर बौद्ध धर्म की शरण ली और वे बौद्ध धर्म के सबसे बड़े प्रचारक साबित हुए। जिलाध्यक्ष शिवचरन कश्यप ने कहा आज हम पार्टी कार्यालय पर सम्राट अशोक महान को याद कर रहे हैं तो पार्टी कार्यालयों पर जयंती मनाने का निवेदन राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से सांसद नीरज मौर्या द्वारा ही किया गया था जिसके लिए हम उनका धन्यवाद देतें हैं। महानगर अध्यक्ष शमीम खाँ सुल्तानी ने तीनो महापुरुषों को श्रद्धांजलि देतें हुए कहा कि सम्राट अशोक महान के बारे में जहां तक हमें जानकारी है अशोक महान का शासन केवल धार्मिक सुधारों तक ही सीमित नहीं था उन्होंने प्रशासनिक सुधार, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक कल्याण पर भी बहुत ध्यान दिया था यहाँ तक कि पशुओं के लिए संभवत देश का पहला अस्पताल चक्रवर्ती सम्राट अशोक के द्वारा ही खोला गया था उन्होंने विभिन्न समुदायों के बीच सहिष्णुता को बढ़ावा दिया। भारत का राष्ट्रीय प्रतीक, अशोक चक्र और सारनाथ का अशोक स्तंभ उनकी महानता और प्रभाव की गवाही आज भी दे रहा है। इस अवसर शहर विधानसभा प्रत्याशी रहे राजेश अग्रवाल, प्रदेश सचिव शुभलेश यादव, प्रदेश प्रवक्ता मों. साज़िद,प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अरविन्द सिंह यादव, बाबा साहब वाहिनी के राष्ट्रीय महासचिव रणवीर सिंह जाटव, अल्पसंख्यक सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष इंजिनियर अनीस अहमद, महानगर उपाध्यक्ष शेर सिंह गंगवार, दिनेश यादव, गोविन्द सैनी व राजेश मौर्या तथा ज़िला कोषाध्यक्ष अशोक यादव, पार्षद दल नेता गौरव सक्सेना, पार्षद सलीम पटवारी, ज़िला सचिव ब्रजेश श्रीवास्तव, सय्यद ज़मील अहमद, अनुज वाल्मीकि, कादिर राणा, राजेश यादव, नाजिम कुरैशी, चंद्र सेन पाल, ऋषि यादव तथा कैंट विधानसभा अध्यक्ष रोहित राजपूत व महासचिव इश्तियाक सकलैनी, बिथरी विधानसभा अध्यक्ष रमेश यादव, नवावगंज विधानसभा अध्यक्ष अनिल गंगवार, फरीदपुर विधानसभा अध्यक्ष बलराम यादव व लोहिया वाहिनी जिलाध्यक्ष भुवनेश यादव, बाबा साहब वाहिनी जिलाध्यक्ष ब्रजेश आजाद, अधिवक्ता सभा जिलाध्यक्ष श्याम वीर यादव, पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष अनिल पटेल, पूर्व ब्लॉक प्रमुख डॉ. जीराज़ यादव एवं विजेंद्र पटेल, संजीव कश्यप,
सम्राट अनुज मौर्य, हिमांशु सोनकर, काशीराम भारती, राजकुमार लोधी, हाजी शकील, महेंद्र विक्रम सिंह, अमर राठौर, कुलदीप प्रधान, दिलीप वर्मा, शंकर लाल लोधी, अरविंद पटेल, राजेंद्र कश्यप, सुभाष चंद्र गुर्जर, जहांगीर बेग, जावेद मलिक, नरेंद्र गंगवार, मनोज कुमार मौर्य, रविंद्र सिंह यादव, पीयूष वर्मा आदि प्रमुख पदाधिकारी मौजूद रहे।