काशाना-ए-रज़ा में उर्स-ए-हसनी क़ादरी की महफ़िल में अकीदतमंदों ने माँगी अमन चैन की दुआ
बरेली। 120 वाँ उर्स ‘‘उर्स ए हसनी-क़ादरी’’ नबीरा ए आलाहज़रत व उस्तादे ज़मन मौलाना मो कैफ रज़ा क़ादरी के आकाशपुरम स्थित आवास ‘‘काशाना ए रज़ा’’ पर मनाया गया। 1- काशाना ए रज़ा पर मनाया गया उर्स ए हसनी-क़ादरी।
2- खानदाने आलाहज़रत के वरिष्ठ सदस्यों के साथ ही उल्मा ए किराम ने शिरकत की। 3- आलाहज़रत के छोटे भाई उस्तादे ज़मन अल्लामा हसन रज़ा बरेलवी अलैहिर्रहमा का शुमार दुनिया के बड़े नातिया शायरों में होता है: मौलाना मो कैफ रजा खां क़ादरी। आलाहज़रत के छोटे भाई उस्तादे ज़मन अल्लामा हसन रज़ा बरेलवी का आज 120 वाँ उर्स ‘‘उर्स ए हसनी-क़ादरी’’ नबीरा ए आलाहज़रत व उस्तादे ज़मन मौलाना मो कैफ रज़ा क़ादरी के आकाशपुरम स्थित आवास ‘‘काशाना ए रज़ा’’ पर मनाया गया। सुबह फज्र की नमाज़ के बाद कुरान ख्वानी हुई उसके बाद मौलाना मो कैफ रज़ा क़ादरी के साथ उल्मा ए किराम ने सिटी स्थित दरगाह उस्तादे ज़मन पर हाज़री दी और गुलपोशी की और शाम को बाद नमाज़े मग़रिब काशाना ए रज़ा पर नात ओ मनक़बत का सिलसिला शुरू हुआ बाद में फातेहा ख़्वानी हुई तोशा पाक की फ़ातेहा मंज़रे इस्लाम के उस्ताद मुफ़्ती मो जमील खान साहब और मौलाना मो ताहिर साहब ने पढ़ी और कुल शरीफ की रस्म अदा की गयी दुआ आलाहज़रत खानदान के वरिष्ठ सदस्य हज़रत मौलाना मन्नान रजा़ खां ‘‘मन्नानी मियां’’ ने की ने की। इस मौक़े पर उल्मा ए किराम ने उस्तादे ज़मन अल्लामा हसन रज़ा बरेलवी की ज़िन्दगी पर रौशनी डाली और उनके द्वारा लिखी गयीं नातें पढ़ी गयीं। इस मौक़े पर काशाना ए रज़ा पर ख़ानदाने आलाहज़रत के वरिष्ठ सदस्य हज़रत मौलाना मन्नान रज़ा खां ‘‘मन्नानी मियाँ’’ नबीरा ए आलाहज़रत हज़रत तौसीफ मियां, ख़ानकाहे तहसीनिया के सज्जादानशीन हज़रत मौलाना हस्सना रज़ा खां साहब, सूफी रिज़वान रज़ा खां साहब, खानकाहे तहसीनिया के प्रबन्धक मौलाना सुहेब रज़ा खां, मौलाना फैज़ रज़ा खां साहब आदि ने शिरकत की । उर्स की महफिल में उल्मा ए किराम में मुफ्ती मो जमील खां, मौलाना कलीम रज़वी, सय्यद शाकिर अली, मदरसा दारूल उलूम मज़हरे इस्लाम के प्रधानाचार्य क़ारी फुरकान साहब तथा समाजसेवी पम्मी खां वारसी ने मुख्य रूप से शिरकत की शिरकत करके खि़राजे अक़दत पेश की।




















































































