विश्व परिवर्तन मिशन ने 11,900 रुपये हर वोटर को देने की मांग की

बरेली। विश्व परिवर्तन मिशन के कार्यकर्ताओं ने अपने 15 सूत्रीय मांगों को लेकर मंडल आयुक्त को ज्ञापन दिया
और कहां की पुनर्जागरण यात्रा की हमारी 15 सूत्रीय मांगों को यथाशीघ्र पूरा करने के लिए कदम उठाये जाये , सरकारी नौकरी पाने के अधिकार को मूल अधिकार बनाया जाए जिससे कोई भी व्यक्ति अदालत में मुकदमा दायर कर सरकारी नौकरी प्राप्त कर सके। जब तक सरकार नौकरी न दे, तब तक हर महीने 11,900 रुपये दे। इस वोटरशिप का अधिकार कहा जाता है। इसके लिए संसद की गोयल समिति की सिफारिशें लागू की जाएं। सरकारी कर्मचारियों के काम करने के घंटे और वेतन आधा किया जाए, जिससे बाकी आधा काम करने के लिए सरकारी कर्मचारियों की नई भर्ती की जाए। इससे बिना एक पैसा खर्च किये लगभग 2 करोड़ लोगों को सरकारी नौकरी मिल जाएगी। . भारत को युद्ध और विनाश से बचाने के लिए ‘वैश्विक भागीदारी और शांति मंत्रालय बनाया जाए। यूरोपियन यूनियन की तरह दक्षिण एशियाई देशों का यूनियन बनाने के लिए सरकार एक मंत्रालय बनाए और सार्क को पुनर्जीवित करे। आर्थिक उत्तराधिकार सीमांकन कानून, बनाया जाए जिससे किसी भी व्यक्तिको 100 करोड़ रुपये से अधिक संपत्ति उत्तराधिकार में न मिले। किसानों की फसलों के लिए “न्यूनतम समर्थन मूल्य” देने की कानूनी गारंटी दी जाए। ‘राजनीतिक उत्तराधिकार समाप्ति कानून’ बनाया जाए। विवाह पूर्व और दाम्पत्य जीवन से बाहर शारीरिक संबंधों और विवाह से पहले संतानोत्पत्ति को अपराध घोषित करने के लिए कानून बनाया जाए।. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि एससी-एसटी आरक्षण में भी ओबीसी की तरह क्रीमी लेयर लागू किया जाए। एससी-एसटी के आर्थिक रूप से कमजोर लगभग 97% परिवारों को उनकी जनसंख्या के अनुपात में सरकारी नौकरियां नहीं मिल पा रही हैं। धनवान एसी-एसटी द्वारा क्रीमी लेयर का विरोध देखते हुए जरूरी है कि प्रथम श्रेणी की नौकरियों को छोड़कर, बाकी सभी में क्रीमी लेयर लागू करने के लिए कानून बनाया जाये। यह तभी संभव है, जब जनरल और बैकवर्ड क्लासेस की संयुक्त सरकार बने। इसलिए लोगों से अपील है कि वह ‘जीबीसी सरकार’ बनाने वालों का साथ दें। राजनीतिक बेरोजगारी दूर करने के लिए “वर्करशिप एक्ट”बनाया जाए, जिससे राजनीतिक दलों में पूर्णकालिक काम करने वालों को वेतन मिले। सरकार लोकतत्र विरोधी चुनाव प्रणाली समाप्त करे और देश के लोगों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की और विश्व स्तर की सरकारों को चुनने के लिए वोट का अधिकार और अन्य वैश्विक अधिकार देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय संधि करे। सांसदों और विधायकों के पदों पर गरीबी रेखा के नीचे के यानी बी पी एल परिवारों को 25%, गरीबी रेखा के ऊपर के यानी ए पी एल परिवारों को 72% आरक्षण दे। सरकार अमीरी रेखा बनाए तथा जब तक अमीरी रेखा नहीं बनती, तब तक आयकर देने वाले समाज का प्रतिनिधित्व 3% तक सीमित किया जाए। जिससे गरीब और मध्यवर्गीय लोग भी सांसद-विधायक बन सकें और संसद और विधान सभाओं में 97% समाज का भी प्रतिनिधित्व हो सके. सांसदों का प्रधानमंत्री चुनने का अधिकार समाप्त कर यह अधिकार लगभग 6 लाख से अधिक ग्राम प्रधानों और सभासदों को दे दिया जाए। विधायकों का मुख्यमंत्री चुनने का अधिकार समाप्त कर यह अधिकार प्रदेश के सभी जिला पंचायत और नगरपालिका के सदस्यों को दे दिया जाए।. शिक्षा और स्वास्थ्य को निजी क्षेत्र से पूरी तरह बाहर किया जाये। सरकारी कर्मचारियों के निकम्मेपन और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सरकार व्यवस्थागत सुधार करे। आम जनता को महंगाई की मार से बचाने के लिए आटा, चावल, दाल, सब्जी पर से जीएसटी कर हटाया जाए तथा निजी वाहनों को टोल टैक्स से मुक्त किया जाए तथा निजी वाहनों को टोल टैक्स से मुक्त किया जाय। जिला अध्यक्ष देवदत्त गंगवार ,महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष शीतल, जिला उपाध्यक्ष जोगराज मौर्य ,धारा गंगवार,ममता मौर्य सोमपाल गंगवार,राजेंद्र गंगवार, बाबूराम ,उर्मिला ,मगों देवी ,अखिल भारतीय प्रवक्ता क्रांतिकार भानु प्रताप सिंह , सजीव दास, महेंद्रपाल आदि मौजूद रहे।