बरेली। हरियाणा सरकार के फाइनेंशियली इयर के क्लोजिंग मार्च का हवाला देकर छुट्टी रद्द करने पर बौखलाए मौलाना कहा, हरियाणा सरकार का मुस्लिम दुश्मनी चेहरा सामने आया है, अल्पसंख्यक का विरोध किया जा रहा है। उन्होंने का हरियाणा सरकार मुसलमानों के साथ अन्याय कर रही है वह न्याय और इंसाफ का खून कर रही है। हरियाणा सरकार के ईद की छुट्टी रद्द करने पर मुस्लिम धर्म गुरुओं में खासा नाराजगी देखने को मिली है, वहीं बरेली के मौलाना शहाबुद्दीन ने सरकार को जमकर फटकार लगाई है, उन्होंने अपने बयान में कहा है कि ईद खुशियों का त्यौहार है और एक महीना रोजा रखने के बाद में वह फिर ईद आता है, खुशी लेकर के आती है। उस दिन सब लोग गले मिलते हैं, एक दूसरे को मुबारकबाद देते हैं। अपने देश की अपने परिवार की खुशहाली के लिए दुआएं करते हैं। और इस दिन पूरे मुल्क मुल्किसी पर में हमेशा छुट्टी रहती है। और जैसा कि हरियाणा गवर्नमेंट ने क्लोजिंग मार्च का हवाला दे करके छुट्टी कैंसिल की है यह सरासर नाइंसाफी है, और इस यानी इस हरकत से मुस्लिम दुश्मनी का चेहरा हरियाणा गवर्नमेंट का खुलकर के सामने आ गया है किस तरीके से हरियाणा की सरकार वहां के मुख्यमंत्री वहा की हुकूमते मुस्लिम दुश्मनी पर आमदा है। और छुट्टी रद्द करना एक तरीके से हुकूमत यह बाबर कराना चाहती है। यह बताना चाहती है कि बहुसंख्यक लोगों को खुश किया जा रहा है। इस तरीके से निजामी मुल्किमत नहीं चलता है, निजामी हुकूमत चलाने के लिए पारदर्शिता इंसाफ बराबरी सबके साथ एक ही व्यवहार सम्मान व्यवहार मसलानी हुकूक , के साथ में हुकूमत चलती है। जब शपथ ली होगी हुकूमत ने तो यही कसम खाई है कि हम सबके साथ न्याय करेंगे, यह छुट्टी रद्द करना क्या मुसलमानों के साथ न्याय है क्या मुसलमानों के साथ इंसाफ कहा जा सकता है, यह इंसाफ का न्याय का खून है।